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ताकाहे पक्षी |
1948 में फिर से खोजे जाने वाले ताकाहे पक्षी के बारे मे जानिए
ताकाहे एक उड़ान रहित पक्षी है यानी कि यह उड़ नहीं सकते। जो केवल न्यूजीलैंड के कुछ हिस्सों में रहते है। ताकाहे यानी कि इन पक्षियों को पहली बार 1849 में खोजा गया था। लेकिन बाद में इन पक्षियों को 19वीं शताब्दी के अंत में विलुप्त माना जाता था।
फिर डॉ. जेफ्री ओरबेल ने उन्हें 1948 में मर्चिसन पर्वत में फिर से खोजा। इसके बाद इन पक्षियों को विलुप्त सूची से हटा दिया गया। अब न्यूजीलैंड में 400 से ज्यादा ताकाहे पक्षी नहीं बचे हैं और शिकारियों और शिकार के कारण अब इन्हें लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में रखा गया है।
अब यह पक्षी न्यूजीलैंड में राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों में हिरण और अन्य जानवरों के साथ रहते है। आइए करीब से नजर डालते हैं इन पक्षियों के रोचक तथ्यों पर और शुरू करते हैं यह लेख, 1948 में फिर से खोजे जाने वाले ताकाहे पक्षी के बारे मे जानिए | Takahe Bird In Hindi
ताकाहे एक उड़ान रहित पक्षी है जो न्यूजीलैंड में पाए जाते हैं
ताकाहे एक उड़ान रहित पक्षी है जो न्यूजीलैंड में पाए जाते हैं और न्यूजीलैंड के लिए यह स्वदेशी है। ताकाहे पक्षी मर्चिसन पर्वत में रहता है। यह पक्षियों की रेल प्रजातियों से संबंधित हैं और उत्तरी द्वीप पर सबसे बड़े जीवित रेल पक्षी के रूप में जाने जाते हैं।
इन पक्षियों को नॉर्थ आइलैंड ताकाहे या न्यूज़ीलैंड ताकाहे के नाम से भी जाना जाता हैं। ताकाहे पक्षी एक लुप्तप्राय प्रजातियां है जो उत्तरी द्वीपों पर पाई जाती हैं और उन्हें उत्तरी द्वीप ताकाहे पक्षी भी कहा जाता है।
इन जंगली पक्षियों की आबादी को 1948 में जेफ्री ऑरबेल द्वारा मर्चिसन पहाड़ों में फिर से खोजा गया था। मर्चिसन पहाड़ों में उन्हें फिर से खोजे जाने के बाद उन्हें राष्ट्रीय अभयारण्यों में रखा गया।
19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में या 1890 के दशक के अंत में इन पक्षियों को तब तक विलुप्त माना जाता था
ताकाहे पक्षी का वैज्ञानिक नाम पोर्फिरियो होचस्टेटेरी Porphyrio hochstetteri हैं। ताकाहे पक्षी की प्रजाति को बहुत ही पुरानी प्रजातियां मानी जाती है इनके पूर्वज हजारों साल पहले आस्ट्रेलिया से आए थे। इन पक्षियों के पास पंख तो होते हैं लेकिन उनमें इतनी ताकत नहीं होती कि यह पक्षी उड़ सके।
19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में या 1890 के दशक के अंत में इन पक्षियों को तब तक विलुप्त माना जाता था जब तक डॉ. जेफ्री ओरबेल ने उन्हें 1948 में मर्चिसन पर्वत में फिर से नहीं खोजा।
उसके बाद उन्हें विलुप्त सूची IUCN से हटा दिया गया। बाद में इन पक्षियों को IUCN की लाल सूची में शामिल कर लिया गया। उन्हें फिर से विलुप्त होने की स्थिति में जाने से बचाने के लिए उनके आवास के संरक्षण के प्रयास किए गए हैं।
न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय अभयारण्यों में यह पक्षी अब हिरण और जंगल के अन्य जानवरों के साथ अपना आवास बनाते हैं
ताकाहे यह पक्षी पक्षियों के एवेस वर्ग से संबंधित है और एक उड़ान रहित पक्षी है जो जंगल में, मर्चिसन पर्वत के घास के मैदानों के पास और न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय अभयारण्यों में पाया जाता है।
पूरे न्यूजीलैंड में मनुष्यों ने दलदलों को खेतों में बदल दिया। यह पक्षी ज्यादातर घास के मैदानों में रहते हैं और सर्दियों के मौसम के दौरान पहाड़ों पर बर्फ गिरने से जंगलों और नीचे के इलाकों में चले जाते हैं।
उत्तर और दक्षिण द्वीप से ताकाहे पक्षियों की एक छोटी संख्या को एक अन्य सुरक्षित द्वीप में भेज दिया गया था।जहां पर इन पक्षियों की रिकवरी कार्यक्रम के अनुसार ताकाहे प्रजातियों की आबादी को बचाने के लिए शिकारियों को वहां पर नहीं लाया गया।
न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय अभयारण्यों में यह पक्षी अब हिरण और जंगल के अन्य जानवरों के साथ अपना आवास बनाते हैं। राष्ट्रीय उद्यानों में या बगीचों में यह पक्षी झील में अच्छी तरह से सुरक्षित हैं। जहां पर यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षणों में से एक हैं।
ताकाहे पक्षी के पंख नीले रंग से लेकर मोर नीले रंग जैसे इंद्रधनुषी होते हैं
ताकाहे पक्षी दिखने में कैसे होते हैं यदि हम यह बात करें तो यह मोटे आकार के उड़ान रहित पक्षी होते हैं। दिखने में इनके पंख हरे और नीले रंग के होते हैं और इनकी चोंच लाल रंग की होती हैं।
इनके युवा बच्चे भूरे रंग के होते हैं और इनके पंख नीले रंग से लेकर मोर के नीले रंग जैसे इंद्रधनुषी होते हैं। इन पक्षियों के पंख सिर्फ प्रदर्शन के लिए है और इसे उड़ने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
ताकाहे पक्षी के पैर ज्यादातर हल्के नारंगी से भूरे रंग के होते हैं जो इनको चलने फिरने में सहायता करते हैं लेकिन इनके पैरों का आकार काफी छोटा होता है जैसे जंगल के अन्य पक्षियों के बच्चों की तरह।
ताकाहे पक्षी जमीन पर चलने वाला एक पक्षी है
ताकाहे पक्षी जमीन पर चलने वाला एक पक्षी है जिसकी लंबाई 25 इंच और 19.6 इंच के बीच में होती हैं। वर्तमान में और संरक्षण के तहत सबसे बड़े उड़ान रहित पक्षी के रूप में जाने जाते हैं और यह ज्यादातर जंगली चूजों के आकार के होते हैं।
एक ताकाहे पक्षी का वजन लगभग 3.1 किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी प्रजातियों के एक नर पक्षी का वजन 2.7 किलोग्राम तक हो सकता है और एक मादा पक्षी का वजन 2.3 किलोग्राम तक हो सकता है। यह ज्यादातर एक मुर्गे के आकार के होते हैं। पढ़िए- दिन में 20 कि मी यात्रा करने वाले भेड़ियों के बारे में जानिए
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ताकाहे पक्षी |
ताकाहे यह एक सर्वाहारी पक्षी है जो कीड़े और पौधे दोनों खाते है
ताकाहे यह एक सर्वाहारी पक्षी है जो कीड़े और पौधे दोनों खाते है। यह पक्षी ज्यादातर पौधे खाते हैं लेकिन कुछ मामलों में इसको जीवित रहने के लिए छोटे कीड़ों को भी खा सकते हैं।
इन पक्षियों के पास उच्च फाइबर आहार है और ज्यादातर पत्तियों के आधार पर देसी घास के बीज और पौधे के बीज का सेवन करते हैं और भोजन के रूप में देशी फर्न के राइजोम भी खाते हैं। कभी-कभी छोटे कीड़े खाते हैं जब अंडे देने का समय होता हैं।
ताकाहे पक्षी जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते हैं
ताकाहे यह पक्षी मोनोगैमस होते हैं इसका मतलब जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते हैं। इनके प्रजनन मौसम के दौरान यह पक्षी जैसे गर्दन चोंच मारना और डुएट करना आदि का प्रदर्शन करते हैं।
इनके प्रजनन मौसम के समय मादा पक्षी नर पक्षी को आकर्षित करने के लिए अपने पंख फैलाती हैं और इनका प्रजनन सर्दियों के मौसम में समाप्त हो जाता हैं। फिर मादा पक्षी द्वारा घोसले में दो से चार अंडे दिए जाते हैं।
जंगल की परिस्थितियों के आधार पर इनके चार अंडे में से केवल एक अंडा ही सही सलामत रहता है। अंडों से बच्चे निकलने के बाद नर और मादा दोनों मिलकर 3 महीनों तक उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें खिलाते हैं।
ताकाहे पक्षी का जीवनकाल 14 से 20 साल तक हो सकता हैं
जंगल की परिस्थितियों के आधार पर इस पक्षी की आबादी को शिकारियों के कारण खतरे में है लेकिन अब संरक्षण और राष्ट्रीय अभयारण्यों के कारण इस पक्षी का जीवनकाल 14 से 20 साल तक हो सकता हैं।
ताकाहे यह पक्षी पंख होते हुए भी उड़ नहीं सकते
ताकाहे यह पक्षी पंख होते हुए भी उड़ नहीं सकते। लेकिन रेलबर्ड की उड़ान रहित प्रजाति होने के बावजूद वास्तव में तेजी से दौड़ सकते है। यदि इन पक्षियों को खतरा महसूस होता है तो तेजी से दौड़ सकते हैं और इनकी सही गति ज्ञात नहीं है।
ताकाहे पक्षी एक दूसरे से लगातार चिड़चिड़ेपन की आवाज़ निकाल कर बात करते हैं
ताकाहे यह पक्षी ज्यादातर जोड़े में रहते हैं इसलिए अपने स्वभाव से बातूनी होते हैं और यह एक दूसरे से लगातार चिड़चिड़ेपन की आवाज़ निकाल कर बात करते हैं जो एक मुर्गी की तरह भी सुनाई देती है। यह पक्षी अलग-अलग आवाज और ध्वनियों की मदद से एक-दूसरे को देखे बिना एक-दूसरे से संवाद कर सकते हैं।
ताकाहे पक्षी की पूरी दुनिया में से केवल 400 पक्षी बचे हुए है
ताकाहे न्यूजीलैंड के घास के मैदान मर्चिसन पहाड़ों में रहते हैं और यह लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं। इन पक्षियों को न्यूजीलैंड में राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर कहा जाता है।
इन पक्षियों की आबादी पूरी दुनिया में से केवल 400 पक्षी बचे हुए है। एक ताकाहे रिकवरी प्रोग्राम उत्तरी द्वीप और दक्षिण द्वीप के इन पक्षियों की प्रजातियों की आबादी को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उनके जीवित रहने के लिए शिकारी मुक्त द्वीपों का निर्माण कर रहा है। पढ़िए- उल्लू के बारे में खास रोचक तथ्य जो आप नहीं जानते होंगे
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ताकाहे पक्षी |
ताकाहे यह पक्षी व्यवहार से आक्रमक नहीं होते हैं
ताकाहे यह पक्षी व्यवहार से आक्रमक नहीं होते हैं लेकिन कई बार शिकारी इन पक्षियों को पुकेकोस पक्षी समझ लेते हैं। यह दोनों पक्षी एक दूसरे से संबंधित हैं और दिखने में काफी समान होते हैं इसलिए शिकारियों के बीच भ्रम पैदा करते हैं क्योंकि पुकेकोस काफी आक्रामक पक्षी हैं।
यह पक्षी लुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं और उनकी आबादी केवल न्यूजीलैंड के द्वीपों तक ही सीमित है। इसलिए न्यूजीलैंड तक सीमित ऐसी संरक्षण स्थिति और आबादी के साथ उन्हें पालतू जानवर के रूप में नहीं रखा जा सकता।
ताकाहे पक्षी के बारे में रोचक तथ्य
1. ताकाहे के समान कौन सा पक्षी है?
ताकाहे अपने दूर के रिश्तेदार पुकेको/बैंगनी दलदल मुर्गी के समान दिखते हैं और ताकाहे बहुत बड़े और अधिक चमकीले रंग के होते हैं।
2. ताकाहे कितने दुर्लभ हैं?
ताकाहे न्यूजीलैंड के घास के मैदान मर्चिसन पहाड़ों में रहते हैं और यह लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं। इन पक्षियों को न्यूजीलैंड में राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर कहा जाता है।
3. क्या ताकाहे विलुप्त हो गए हैं?
इन पक्षियों की आबादी पूरी दुनिया में से केवल 400 पक्षी बचे हुए है। एक ताकाहे रिकवरी प्रोग्राम उत्तरी द्वीप और दक्षिण द्वीप के इन पक्षियों की प्रजातियों की आबादी को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
4. ताकाहे कहाँ पाया जाता है?
ताकाहे एक उड़ान रहित पक्षी है यानी कि यह उड़ नहीं सकते। जो केवल न्यूजीलैंड के कुछ हिस्सों में रहते है। ताकाहे यानी कि इन पक्षियों को पहली बार 1849 में खोजा गया था।
5. ताकाहे के पैर मजबूत क्यों होते हैं?
ताकाहे पक्षी का विकास ज़मीन पर रहने वाले शिकारियों की अनुपस्थिति में हुआ। यानी कि यह पक्षी कीवी की तरह, ताकाहे ने बड़े शरीर का आकार, छोटे पंख और मजबूत पैर विकसित किए।
6. ताकाहे का महत्व क्या है?
न्यूजीलैंड के अधिकांश दक्षिण द्वीप की माओरी जनजाति लिए ताकाहे का विशेष सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारंपरिक महत्व है।
7. ताकाहे किससे संबंधित है?
ताकाहे पक्षी मर्चिसन पर्वत में रहता है। यह पक्षियों की रेल प्रजातियों से संबंधित हैं और उत्तरी द्वीप पर सबसे बड़े जीवित रेल पक्षी के रूप में जाने जाते हैं।
8. ताकाहे कैसे दिखते है?
यह मोटे आकार के उड़ान रहित पक्षी होते हैं। दिखने में इनके पंख हरे और नीले रंग के होते हैं और इनकी चोंच लाल रंग की होती हैं।
9. ताकाहे का आहार क्या है?
ताकाहे यह एक सर्वाहारी पक्षी है जो कीड़े और पौधे दोनों खाते है। यह पक्षी ज्यादातर पौधे खाते हैं लेकिन कुछ मामलों में इसको जीवित रहने के लिए छोटे कीड़ों को भी खा सकते हैं।
10. ताकाहे कब तक रहते है?
जंगल की परिस्थितियों के आधार पर इस पक्षी की आबादी को शिकारियों के कारण खतरे में है लेकिन अब संरक्षण और राष्ट्रीय अभयारण्यों के कारण इस पक्षी का जीवनकाल 14 से 20 साल तक हो सकता हैं।